अध्याय1 श्लोक26 - श्रीमद भगवद गीता

श्रीमद भगवद गीता

अध्याय 1 : दोनों सेनाओं का विवरण और अर्जुन का युद्ध से विषाद

अ 01 : श 26

तत्रापश्यत्स्थितान्‌ पार्थः पितृनथ पितामहान्‌ ।
आचार्यान्मातुलान्भ्रातृन्पुत्रान्पौत्रान्सखींस्तथा ॥
श्वशुरान्‌ सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि ।

संधि विच्छेद

तत्र अपश्यत् स्थितान् पार्थः पितृनथ पितामहान्‌ ।
आचार्यान् मातुलान् भ्रातृन पुत्रान् च सखी तथा
श्वशुरान्‌ सुहृदः च एव सेनयोः उभयोः अपि ।

अनुवाद

इसके बाद पृथापुत्र अर्जुन ने उन दोनों ही सेनाओं में स्थित ताऊ-चाचों को, दादों-परदादों को, गुरुओं को, मामाओं को, भाइयों को, पुत्रों को, पौत्रों को तथा मित्रों को, ससुरों को और सुहृदों को भी देखा

व्याख्या