अध्याय1 श्लोक40 - श्रीमद भगवद गीता

श्रीमद भगवद गीता

अध्याय 1 : दोनों सेनाओं का विवरण और अर्जुन का युद्ध से विषाद

अ 01 : श 40

अधर्माभिभवात्कृष्ण प्रदुष्यन्ति कुलस्त्रियः ।
स्त्रीषु दुष्टासु वार्ष्णेय जायते वर्णसंकरः ॥

संधि विच्छेद

अधर्म अभिभवत् कृष्ण प्रदुष्यन्ति कुलस्त्रियः ।
स्त्रीषु दुष्टासु वार्ष्णेय जायते वर्णसंकरः ॥

अनुवाद

हे कृष्ण ! परिवार में अधर्म की वृद्धि होने से कुल की स्त्रियां आचरणहीन हो जाती हैं | स्त्रियों के आचरणहीन से अवांछित संतानों की उत्पत्ति होती है(कुल संकरण होता है)|

व्याख्या