अध्याय1 श्लोक41 - श्रीमद भगवद गीता

श्रीमद भगवद गीता

अध्याय 1 : दोनों सेनाओं का विवरण और अर्जुन का युद्ध से विषाद

अ 01 : श 41

संकरो नरकायैव कुलघ्नानां कुलस्य च ।
पतन्ति पितरो ह्येषां लुप्तपिण्डोदकक्रियाः ॥

संधि विच्छेद

संकरः नरकायैव कुलघ्नानां कुलस्य च ।
पतन्ति पितरः ह्येषां लुप्तपिण्ड उदक क्रियाः ॥

अनुवाद

अवांछनीय संतान परिवार को नारकीय अवस्था की ओर ले जाते हैं और पारिवारिक परम्पराओं का अंत कर देते हैं| वैसे परिवार में पितर तर्पण (श्राद्ध) से वंचित हो जाते हैं जिससे उनका(पूर्वजो का) भी पतन हो जाता है|

व्याख्या