अ 01 : श 45
यदि मामप्रतीकारमशस्त्रं शस्त्रपाणयः ।
धार्तराष्ट्रा रणे हन्युस्तन्मे क्षेमतरं भवेत् ॥
संधि विच्छेद
यदि माम अप्रतीकारम शस्त्रं शस्त्रपाणयः ।
धार्तराष्ट्रा रणे हन्युः तत् मे क्षेमतरं भवेत् ॥
बल्कि शस्त्रधारी धृष्टराष्ट्र के पुत्र युद्धभूमि में मुझ निःशस्त्र का वध कर दें तो मैं इसे ज्यादा श्रेयकारी(कल्याणकारी) समझूंगा|