अध्याय1 श्लोक11 - श्रीमद भगवद गीता

श्रीमद भगवद गीता

अध्याय 1 : दोनों सेनाओं का विवरण और अर्जुन का युद्ध से विषाद

अ 01 : श 11

अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः ।
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि ॥

संधि विच्छेद

अयनेषु च सर्वेषु यथाभागम् अवस्थिताः ।
भीष्मम् एव अभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि ॥

अनुवाद

इसलिए आप सभी अपने अपने युद्ध स्थान पर स्थित हो जाएँ और चारों ओर से [पितामह] भीष्म की रक्षा करें(या सहयोग करें)|

व्याख्या