संधि विच्छेद
प्रह्लादः च अस्मि दैत्यानां कालः कलयताम् अहम् ।
मृगाणां च मृगेन्द्रः अहं वैनतेयः च पक्षिणाम् ॥
अनुवाद
दैत्यों में मैं प्रह्लाद हूँ, प्रभुत्व स्थापित करने वालों में मैं समय(काल) हूँ| वन्य प्राणियों में मै सिंह हूँ, और पक्षियों में मैं विनता का पुत्र अर्थात गरुड़ हूँ|