पवित्र करने वालों में मैं वायु हूँ, शस्त्रधारियों में राम हूँ | मछलियों में शार्क हूँ और नदियों में मैं गंगा हूँ॥
व्याख्या
शब्दार्थ ------- पवत = पवित्र झष = मछली मकर=शार्क, कुछ विद्वान इसका अर्थ मगरमक्ष भी लगाते हैं लेकिन मगरमक्ष मछली नहीं है इसलिए वह अर्थ उपयुक्त प्रतीत नहीं होता, अधिकतर विद्वओं ने मकर शब्द का अर्थ शार्क मछली लगाया है|