देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा । तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति ॥
संधि विच्छेद
देहिनः अस्मिन यथा देहे कौमारं यौवनं जरा । तथा देहान्तर प्राप्ति धीरः तत्र न मुह्यति ॥
अनुवाद
जैसे शरीर में बाल्यावस्था से युवावस्था और युवावस्था से वृद्धावस्था में परिवर्तन होता है वैसे ही आत्मा के लिए एक शरीर से दूसरे शरीर में परिवर्तन होता है| धीर पुरुष(धैर्यवान मनुष्य) इस परिवर्तन से विचलित नहीं होते|