दोनों सेनाओं का विवरण और अर्जुन का युद्ध से विषाद
सांख्य योग
कर्म योग
ज्ञान योग
कर्म सन्यास योग
राज या ध्यान योग
अध्यात्म योग
अक्षर ब्रम्ह योग
राज विद्या राज गुह्य योग
विभूति योग
विश्व रूप दर्शन
भक्ति योग
पुरुष और प्रकृति
प्रकृति के तीन गुण
पुरुषोत्तम योग
दैवीय और दानवीय चरित्र
श्रद्धात्रयविभाग योग
मोक्ष सन्यास योग
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अ 03 : श 02
व्यामिश्रेणेव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे । तदेकं वेद निश्चित्य येन श्रेयोऽहमाप्नुयाम् ॥
संधि विच्छेद
व्यामिश्रेण एव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे । तत् एकं वेद निश्चित्य येन श्रेयः अहम् अप्नुयाम् ॥
आपके [द्वारा दोनों मार्गों को श्रेष्ठ कहे जाने वाले] वचनों से मेरी बुद्धि भ्रमित हो रही है| इसलिए कृप्या करके उस निर्णायक मार्ग का प्रस्ताव दें [जिससे मेरा भ्रम दूर हो और] मेरा कल्याण हो|