जीवन के दो इकाई हैं एक है शरीर और दूसरा वह जिससे शरीर में जीवन का संचालन होता है | इस दूसरी इकाई को पुरुष कहा जाता है | दूसरे ग्रंथों में इन्हें जड़ और चेतन भी कहा जाता है | पुरुष आत्मा का सुपरसेट है | आत्मा एक शरीर और एक जीव के लिए प्रयोग होता है, जबकि पुरुष सम्पूर्ण ब्रम्हांड के लिए | आत्मा ही नहीं पुरुष शब्द से परमात्मा की भी सम्बोधन होता है | इस प्रकार इस ब्रम्हांड के सम्पूर्ण पदार्थो जीवित या अजीवित को दो वर्गों मी रखा जा सकता है , पुरुष और प्रकृति | सभी जड़ तत्व प्रकृति और सभी चेतन आत्मा और परमात्मा तत्व पुरुष |