(पाँच) महाभूत, अव्यक्त अहंकार और बुद्धि, दश इंद्रियाँ, मस्तिस्क, पाँच इंद्रिय गोचर तथा इक्षा, द्वेष,सुख, दुख, स्थूल देह पिंड, चेतना और धृति(धैर्य)—इस प्रकार विकारों सहित संक्षेप मे यह क्षेत्र उद्धृत है|
अथवा
(पाँच) महाभूत, अव्यक्त अहंकार और बुद्धि, दश और एक इंद्रियाँ, पाँच इंद्रिय गोचर तथा इक्षा, द्वेष,सुख, दुख, देह पिंड, चेतना और धृति(धैर्य)—इस प्रकार विकारों सहित संक्षेप मे यह क्षेत्र उद्धृत है|