[भगवान के शरीर में सम्पूर्ण ब्रम्हांड को देखकर] धनञ्जः(अर्जुन) आश्चर्यचकित हो गया, उसके शरीर के रोंगटे खड़े हो गए| तब वह (अर्जुन) अपने दोनों हाँथ जोड़कर श्रधा से परमात्मा(श्री कृष्ण) के सम्मुख नतमस्तक हुआ और बोला|
अर्जुन ने बोला:
हे देव! मैं आपके शरीर में सभी देवताओं, नाना प्रकार के जीवों, कमल के आसन पर विराजमान ब्रम्हा, महादेव(श्री शिव), सभी ऋषियों और दिव्य सर्पों को देखता हूँ|