बुधि, ज्ञान, असम्मोह(सांसारिक मोह से मुक्ति की अवस्था), क्षमा, सत्य, आत्म संयम,मन का निग्रह(शम), सुख और दुःख,उत्पत्ति और प्रलय,भय और निर्भयता,अहिंसा, समता(सबको समान भाव से देखने का गुण),संतोष,तप,दान, यश और अपयश – जीवों में व्याप्त यह सभी सभी गुण मुझसे ही उत्पन्न हुए हैं(या मेरे द्वारा ही निर्मित हैं)|